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FX.co ★ यूरोपीय बायोफार्मा का भविष्य अनिश्चित, ट्रंप टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।

यूरोपीय बायोफार्मा का भविष्य अनिश्चित, ट्रंप टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।

यूरोपीय बायोफार्मा का भविष्य अनिश्चित, ट्रंप टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।

यूरोप के बायोफार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए आने वाले समय में चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन यूरोपीय दवाओं पर टैरिफ लगाने की संभावना जता रहा है। वाशिंगटन अब इस महत्वपूर्ण इंडस्ट्री पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुका है।

बर्नस्टीन के विश्लेषकों के अनुसार, इस तरह का कदम अल्पकालिक रूप से प्रबंधनीय जोखिम तो ला सकता है, लेकिन दीर्घकाल में यह इस सेक्टर के निवेश परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।

रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप अगले दो हफ्तों में फार्मास्युटिकल उत्पादों पर टैरिफ की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि शुरुआत में फार्मा उत्पादों को तथाकथित "लिबरेशन डे" टैरिफ पैकेज से बाहर रखा गया था, लेकिन यह छूट किसी भी समय वापस ली जा सकती है, जिससे पूरी इंडस्ट्री असमंजस में है।

इस समय यूरोपीय फार्मास्युटिकल कंपनियों की अमेरिका में मजबूत मौजूदगी है, और वे अपनी कुल आय का 40% से 60% हिस्सा अमेरिकी बाजार से अर्जित करती हैं। कुछ कंपनियाँ अमेरिका में निर्माण और रिसर्च फैसिलिटी चलाती हैं, हालांकि सभी दवाइयाँ वहीं तैयार या बेची नहीं जातीं।

बर्नस्टीन के मुद्रा रणनीतिकारों का अनुमान है कि यदि अमेरिका को बेचे जाने वाले उत्पादों की लागत पर 20% टैरिफ लगाया गया, तो इससे यूरोप की प्रमुख दवा कंपनियों की लाभप्रदता पर अलग-अलग स्तर पर असर पड़ेगा। यह परिदृश्य पहले के अनुमानों से कम गंभीर है, जहाँ टैरिफ पूरे अमेरिकी बिक्री राजस्व पर लगाए जाने की बात कही गई थी।

उदाहरण के लिए Sanofi अमेरिका में लगभग 50% कारोबार करता है, जिससे उसकी एक्सपोजर मध्यम स्तर की मानी जा रही है। कम जोखिम वाले समूह में Novo Nordisk और Novartis को बेहतर स्थिति में देखा जा रहा है, जबकि GlaxoSmithKline और बेल्जियम की UCB सबसे अधिक असुरक्षित मानी जा रही हैं, खासकर UCB, क्योंकि उसके अमेरिका में निर्माण इकाइयाँ नहीं हैं।

इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ी हुई लागत को अमेरिकी ग्राहकों पर डालना मुश्किल होगा, जिससे कीमतें बढ़ाकर घाटा वसूलने की संभावना कम है। इसके बावजूद, कंपनियाँ किसी सकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर रही हैं।

कुछ कंपनियाँ पहले से ही अमेरिका में सक्रिय निवेश के ज़रिए व्यापार नीति में बदलाव की तैयारी कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर AstraZeneca ने हाल ही में अमेरिका में $3.5 अरब के नए निवेश की घोषणा की है। वहीं Novartis ने अगले पाँच वर्षों में अमेरिका में $23 अरब निवेश का वादा किया है।

Sanofi के CFO ने भी संकेत दिया है कि अमेरिका में और निवेश पर विचार चल रहा है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि कंपनियाँ अभी अनिश्चितता के माहौल में काम कर रही हैं, क्योंकि संभावित टैरिफ की मात्रा और संरचना अभी स्पष्ट नहीं है।

बर्नस्टीन के विश्लेषकों के अनुसार, केवल टैरिफ का खतरा ही यूरोपीय कंपनियों को अमेरिका को लेकर अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने को मजबूर कर सकता है।

*यहाँ दिया गया बाजार का विश्लेषण आपकी जागरूकता को बढ़ाने के लिए है, यह ट्रेड करने का निर्देश नहीं है
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